Zihaal e Miskin
ज़िहाल-ए-मिस्कीन, मकुन बा-रंजिश
तुम बिन मैं बेहाल हूँ, कर दो वफा बख्शीश
मेरे दिल में है दर्द, तुम ही हो दवा
मेरी ज़िंदगी में आई हो, तुम ही हो ख़ुदा
तुमसे दूर रहूँ तो, मैं मर जाऊँगा
तुमसे मिलने को, मैं तरसता हूँ
तुम मेरे हो, मैं तुम्हारा हूँ
हम दोनों का प्यार, अख़िर तक रहेगा
तुम बिन मैं कैसे रहूँ, मेरी जान
तुम ही हो मेरी ज़िंदगी का ज़हान
तुमसे दूर रहूँ तो, मैं पागल हो जाऊँगा
तुमसे मिलने को, मैं तड़पता हूँ
तुम मेरी ज़िंदगी हो, मेरी शान
तुम ही हो मेरी दुनिया का इमकान
तुम बिन मैं कुछ नहीं हूँ, मैं हूँ तुम्हारा
तुम ही हो मेरी ज़िंदगी का सहारा
तुम मेरे हो, मैं तुम्हारा हूँ
हम दोनों का प्यार, अख़िर तक रहेगा
ज़िहाल-ए-मिस्कीन, मकुन बा-रंजिश
तुम बिन मैं बेहाल हूँ, कर दो वफा बख्शीश
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