Rim Jhim Gire Sawan
Male:
रिमझिम गिरे सावन,
सुलग सुलग जाए मन.
भीगे आज इस मौसम में,
लगी कैसी ये अगन.
Female:
पहले भी यूं ही बरसते थे बादल,
पहले भी यूं ही भीगा था आँचल.
अब के बरसाने क्यों सूख गया,
सुलग सुलग जाए मन.
Male:
इस बार सावन ढहा हुआ है,
इस बार मौसम बहका हुआ है.
जाने पीके चली क्या पवन,
सुलग सुलग जाए मन.
Female:
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे,
अर्मान हमारे पलके न मूंदे.
कैसे देखें सपने नयन,
सुलग सुलग जाए मन.
Male:
महफिल में कैसे कह दें किसी से,
दिल बंध रहा है किस अजनबी से.
हाय करे अब क्या जतन,
सुलग सुलग जाए मन.
Female:
रिमझिम गिरे सावन,
सुलग सुलग जाए मन.
भीगे आज इस मौसम में,
लगी कैसी ये अगन.
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